Duniya ka Sabse Purana Dharm

Duniya ka Sabse Purana DharmDuniya ka Sabse Purana Dharm

Duniya ka Sabse Purana Dharm: भगवद गीता के अनुसार धर्म केवल पूजा पाठ तक सीमित नही होता, धर्म सत्य, कर्तव्य पालन, निष्काम कर्म, और जीवन में संतुलन बनाए रखने की प्रक्रिया है! धर्म का वास्तविक अर्थ अपने कर्तव्यों को सही तरीके से निभाना और समाज व संसार में सकारात्मक योगदान देना है। काफी रिसर्चो के अनुसार Duniya ka Sabse Purana Dharm हिन्दू धर्म है! सनातन और हिन्दू धर्म में अंतर कोई नहीं है! हिन्दू धर्म को ही सनातन धर्म कहा जाता है!

इसका इतिहास काफी पुराना है जिसमे रामायण, महाभारत जैसे ग्रंथो कि रचना हुई, ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद, और अथर्ववेद वेद, उपनिषद, और पुराणों कि रचना हुई है! सनातन को Duniya ka Sabse Purana Dharm माना जाता है ! सनातन यानी हिन्दू धर्म के सबसे ज्यादा अनुयायी भारत, गुयाना, नेपाल, मॉरीसस, सूरीनाम और फिजी वगैरा मे है!

यह धर्म मानव कि उत्पति के समय से है, लेकिन इसका संस्थापक कौन है यह अभी तक किसी को भी नही पता! इतिहास में, Duniya ka Sabse Purana Dharm यानी हिन्दू धर्म ने अनेक संस्कृतियों को प्रभावित किया है।

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Bharat ka sabse purana dharm kon sa hai (भारत का सबसे पुराना धर्म कौन सा है)

सनातन धर्म भारत के साथ साथ Duniya ka Sabse Purana Dharm है! इसके अलावा भारत में और धर्म जैसे जैन और बौद्ध धर्म भी पुराने है लेकिन सनातन से बाद में ये धर्म बने है! जैन धर्म और बौद्ध धर्म दोनों ही भारत में लगभग 6ठी शताब्दी ईसा पूर्व के आसपास अस्तित्व में आए! सनातन का एक अर्थ अनादि भी है, जो इसकी प्राचीनता को दर्शाता है! इस धर्म की विशेषताएँ और परंपराएँ इसे Duniya ka Sabse Purana Dharm बनाती हैं।

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सनातन धर्म कि प्राचीनता और वर्णन:

जैसा कि ऊपर बताया गया है कि सनातन कि उत्पति मानव कि उत्पति से भी पहले कि है! इसी धर्म के साथ ही ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद, और अथर्ववेद की रचना हुई! ये ग्रंथ संसार, जीवन, प्रकृति, और ईश्वर के बारे में गहरी जानकारी देते हैं!

उपनिषद, महाकाव्य (रामायण और महाभारत), और पुराण काल के दौरान सनातन धर्म के सिद्धांत और दर्शन और अधिक विस्तारित हुए। इन ग्रंथों में जीवन, मृत्यु, आत्मा, परमात्मा, और कर्म-धर्म के गहरे सिद्धांतों का उल्लेख मिलता है।

यह धर्म केवल एक ईश्वर या ग्रंथ तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें विभिन्न देवी-देवता, कर्म, पुनर्जन्म, और मोक्ष जैसी अवधारणाओं को प्रमुखता दी गई है।

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Hindu dharm kitna purana hai ya Sanatan dharm kitna purana hai

अक्सर पूछा जाने वाला सवाल है सनातन धर्म की उत्पत्ति कब हुई? हिंदू धर्म Duniya ka Sabse Purana Dharm माना जाता है, और इसकी जड़ें लगभग 90000 साल पुरानी हैं। Duniya ka Sabse Purana Dharm का अध्ययन करने से हमें मानवता की जड़ों को समझने में मदद मिलती है।

इसकी सटीक शुरुआत का कोई निर्धारित समय नहीं है, क्योंकि यह एक विकसित होने वाला धर्म है, जो समय के साथ परंपराओं, रीति-रिवाजों और विचारधाराओं से प्रभावित होता रहा है। यह धर्म वैदिक काल से प्रारंभ होकर वर्तमान तक जीवित है। हिंदू धर्म आज भी दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा धर्म है, और यह अपने लचीलेपन और विविधता के कारण हजारों वर्षों से जीवित है।

हिंदू धर्म के चार युगों का काल

हिन्दू धर्म मे चार युगो का वर्णन किया गया है! सबसे पहला सतयुग जिसमे भगवान विष्णु द्वारा मत्स्य अवतार, कूर्म अवतार, वराह अवतार लिए गए! यह युग सबसे पवित्र युग था! दूसरा त्रेता युग जिसमे रामायण हुई! इसमें भगवान विष्णु द्वारा राम अवतार लिया गया! तीसरा द्वापर युग जिसमे विष्णु जी द्वारा कृष्ण रूप मे पृथ्वी पर अवतार लिया गया!

इसी युग मे महाभारत हुई थी, और सबसे आखरी जो अभी चल रहा है यानि कलियुग! ग्रंथो के अनुसार भगवान विष्णु इस युग मे कल्कि अवतार ले कर पाप का दमन करेंगे! अगर हरेक युग कि बात करे तो सतयुग लगभग 17 लाख 28 हजार वर्ष, त्रेतायुग 12 लाख 96 हजार वर्ष, द्वापरयुग 8 लाख 64 हजार वर्ष, कलियुग को 4 लाख 32 हजार वर्ष का बताया गया है!

अभी तक कलियुग के 5126 वर्ष बीत चुके हैं। चूंकि कलियुग की कुल अवधि 4,32,000 वर्ष है, इसलिए अभी इसे समाप्त होने में बहुत समय शेष है।

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Duniya Ka sabse bada dharm kaun sa hai

धर्म ने हमेशा मानव के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है! इसने हरेक संस्कृति को एक आकार दिया है! अगर सबसे बड़े धर्म कि बात करे तो ईसाई धर्म दुनिया का सबसे बड़ा और Duniya ka Sabse Purana Dharm है! दुनिया में अकेले ईसाई धर्म के अनुयायी 31 प्रतिशत है!

जबकि पूरी दुनिया मे 300 से भी ज्यादा धर्म है! ईसाई अनुयायियों कि संख्या 2.38 अरब है इसके बाद आता है इस्लाम धर्म जिसके अनुयायी करीबन 1.90 अरब है! फिर आता है हिन्दू धर्म जिसके अनुयायी करीबन 1.16 अरब है! ये तीनो ही दुनिया के सबसे बड़े धर्म है!

लेकिन एक रिपोर्ट के अनुसार यूरोप महाद्वीप जो ईसाई धर्म का गढ़ था यहा तेजी से ईसाई धर्म के अनुयायियों कि संख्या घट रही है! जर्मनी में, 2010 से 2015 के बीच जन्म दर की तुलना में ईसाइयों की मृत्यु दर 1.4 मिलियन अधिक थी।

वास्तव में, यूरोप में मुसलमानों और गैर-संबद्ध लोगों दोनों ने अपनी आबादी में प्राकृतिक वृद्धि का अनुभव किया, नई रिपोर्ट का अनुमान है कि 2010 और 2015 के बीच मृत्यु दर की तुलना में क्रमशः 2 मिलियन और 1 मिलियन से अधिक जन्म हुए।

हिंदू धर्म के संस्थापक कौन थे?

हिन्दू धर्म का कोई संस्थापक नहीं है! लेकिन कई जानकारों के अनुसार इस धर्म कि शुरुआत प्रथम स्वायम्भुव मनु के मन्वन्तर से हुई थी! ब्रह्मा, विष्णु और महेश, अग्नि, वायु, अंगिरा ने इस धर्म कि स्थापना कि!

सनातन धर्म के नियम

सनातन धर्म चार नियमो पर आधरित है! पहला है ईश्वर मे आस्था दूसरा है सब जीवो पर दया तीसरा है कर्म से, वचन से और आचरण से सत्यनिष्ठ रहना और चौथा है क्षमा । हिन्दू धर्म मे आजकल हरेक कोई विद्वान् है जो अपनी बातो से सब कुछ सिद्ध कर सकते है! लगभग सब लोगो ने धर्म के नाम कि दुकान खोल रखी है और उस दूकान मे जाने वाले कस्टमर्स भी बहुत है!

सत्य का किसी को ज्ञान नहीं है! ना कोई वेद पढता है ना उपनिषद! आजकल तो स्कूलों मे भी इन चीजों को नहीं पढ़ाया जाता! बस डिग्री लेने कि होड़ सी लगी है! इसी के कारण संस्कृति यानी संस्कार खत्म हो चुके है! अतः हिन्दू धर्म के चारो नियम लगभग खत्म हो चुके है!

इस ब्लॉग में हमने Duniya ka Sabse Purana Dharm के महत्व, इसके इतिहास, और इसके विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। यह धर्म न केवल अपनी प्राचीनता के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यह आज के समाज में भी महत्वपूर्ण है।

समझदारी से इस धर्म का अध्ययन करने से हमें न केवल इतिहास की गहराइयों में जाने का अवसर मिलता है, बल्कि यह हमें जीवन के मूलभूत प्रश्नों पर भी विचार करने के लिए प्रेरित करता है।

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