Kundalini Shakti
Kundalini Shakti: अक्सर लोग गूगल जैसे प्लेटफार्म पर kundalini kya hai सर्च करते है ! यह विषय इसी पर आधारित है! कुण्डलिनी एक संस्कृत शब्द है जिसमे दो शब्दो का समावेश है,
कुंडल और इनी! कुंडल यानी कुंडलित और इनी यानि शक्ति! kundalini shakti एक शक्तिशाली ऊर्जा है जो
रीढ़ यानी मेरुदंड में स्थित होती है! इसके जाग्रत होने पर आत्मज्ञान कि प्राप्ति होती है! तीन बार लिपटे हुए सांप के रूप में चित्रित इस ऊर्जा को योग और आध्यात्मिक अभ्यास जैसे मंत्र, आसन से जागृत किया जा सकता है! कुण्डलिनी जागृत होने पर चक्रो के रूप मे रीढ़ में उप्पर उठती है! kundalini shakti हर मनुष्य में मौजूद होती है लेकिन अधिकांश में निष्क्रिय होती है। हां लेकिन लगातार अभ्यास से इसे इंसान जागृत कर सकता है!
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Kundalini shakti kaise jagrit kare
ॐ के उच्चारण के साथ ध्यान को एक सेंटर पर केंद्रित करना! योग परंपराओं में Kundalini shakti को रीढ़ के आधार पर स्थित मौलिक ऊर्जा माना जाता है। Kundalini Jagran आज के इंसान के लिए थोड़ा मुश्किल है, लेकिन नामुमकिन नही! कुण्डलिनी जागरण मे थोड़ा अभ्यास थोड़ा नियम का पालन करना पड़ता है! कुण्डलिनी जागरण सप्त चक्रो के जागने पर होता है! इसमें इंसान को आहार और व्यवहार मे शुद्धता और पवित्रता रखनी होती है!
दिनचर्या का पालन नेचर के बनाये नियमो के हिसाब से करना होता है! इसमें जल्दी सोना, जल्दी जागना, सात्विक भोजन शामिल है! कुण्डलिनी जागरण के लिए ध्यान और प्राणायाम करना जरुरी होता है! 6 महीने तक लगातार यदि आप मन को नियंत्रण मे रख कर ध्यान लगाते है तो धीरे धीरे ध्यान लगने लगेगा और सप्त चक्र जागृत होंगे और कुण्डलिनी जागृत होने लगती है! ध्यान करते वक्त अपने ध्यान को दोनों आखो के मध्य मे बोहो के बीच लगाए!
शुरू मे ध्यान को केंद्रित करने मे थोड़ी प्रॉब्लम आ सकती है, लेकिन धीरे धीरे अभ्यास करने पर ध्यान केंद्रित होने लग जाता है! कहा जाता है कि Kundalini shakti को जागृत करने से आध्यात्मिक ज्ञान और आत्म-साक्षात्कार होता है। कुण्डलिनी जागरण मे सबसे महत्वपूर्ण चीज होती है एक गुरु का होना! अत: जब भी आप कुण्डलिनी जागरण का अभ्यास करे! अपने गुरु से सलाह जरूर ले!
कुंडलिनी जागरण के लक्षण:
कुण्डलिनी जागरण थोड़ा जटिल जरूर है लेकिन जब कुण्डलिनी जागृत होती है तो जो सुखद अनुभव होते है वो हरेक चीज से परे है! कुण्डलिनी जागरण एक प्रकार से आत्मा का परमात्मा से मिलन है! इंसानी शरीर मे नेचर ने शक्तिया तो काफी दी है
लेकिन इंसान जैसे आता है वैसे ही चला जाता है! क्यूंकि आजकल कि जिंदगी पैसे और पावर तक सीमित रह गई है! खैर थोड़ा कुण्डलिनी जागरण के लक्षण के बारे मे जान लेते है!
1 जब कुण्डलिनी जागृत होती है तो मूलाधार मे अजीब से अनुभव होते है! क्यूंकि शरीर के सात चक्रो मे सबसे पहले नीचे का चक्र जागृत होता है फिर कुण्डलिनी उप्पर चलती है!
2 बिना किसी कारण के आपको आनंद का अनुभव होता है!
3 ज्यादातर समय आपको एक खुशबू का अनुभव होगा!
4 जब आप ध्यान मे होंगे आपकी श्वास रुक जाती है!
5 ध्यान के दौरान आप अपने मन के माध्यम से कही भरमण पर निकल जाते है लेकिन ध्यान टूटने पर आप खुद को उसी जगह पर पायेंगे!
6 ध्यान के दौरान कई बार ऐसा भी होता है के आप अपनी आँखे खोलने का प्रयास करते है लेकिन पलके नहीं खुलती !
7 शरीर मे एक अलग ही ऊर्जा का अनुभव होता है!
8 कई बार आपको अनुभव होगा जैसे आप खुद के शरीर से बाहर है!
वैसे तो कुण्डलिनी जागरण एक बहुत अच्छी प्रिक्रिया है लेकिन इसे किसी गुरु के सानिध्य मे करना चाहिए! कुण्डलिनी जागरण के सही तरीके का ज्ञान न होना इंसान को पागल भी कर सकता है!
Kundalini Chakra
इंसान के शरीर मे सात चक्र होते है! मूलाधार चक्र, स्वाधिष्ठान चक्र, मणिपुर चक्र, अनाहत चक्र, विशुद्ध चक्र, आज्ञा चक्र, सहस्रार चक्र! मूलाधार चक्र सबसे निचे और सबसे पहला चक्र होता है! इसके बाद एक एक करके निचे से उप्पर के चक्र जागृत होते जाते है!
Kundalini yoga
कुण्डलिनी योग योग का एक आध्यात्मिक रूप है, जो कुण्डलिनी को जागृत करता है! कुण्डलिनी रीढ़ मे स्थित होती है! इसका अभ्यास शारीरिक मुद्राओं,प्राणायाम, ध्यान और चेतना को बढ़ाने के लिए मंत्रोच्चार को जोड़ता है! कई आध्यात्मिक अभ्यास ध्यान, प्राणायाम और योग के माध्यम से Kundalini shakti को सक्रिय करने पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
कुंडलिनी योग के तरीके
1 प्राणायाम: प्राणायाम अर्थात प्राणो का आयाम! प्राणायाम सांस को गहरा कर नियंत्रित करने मे मदत करता है!
2 ध्यान: ध्यान सबसे सरल और कारगर तरीका है! इसमें थोड़े से अभ्यास कि जरुरत है फिर आप आसानी से ध्यान केंद्रित होने के बाद कुण्डलिनी जागृत कर सकते है!
3 जप और मंत्र: मंत्र के माध्यम से भी आप कुण्डलिनी जागृत कर सकते है!
kundalini shakti का रहस्य
कुछ लोग kundalini shakti को एक दिव्य शक्ति के रूप मे वर्णित करते है! कुण्डलिनी जागरण एक बहुत ही शक्तिशाली ऊर्जा है! लोगो के लिए यह किसी रहस्य से कम नहीं है! kundalini shakti का रहस्य खोलने के लिए आपको 6 महीने अभ्यास करने कि जरुरत है लेकिन नियमो के साथ, जो उप्पर बताये गए है! कुण्डलिनी जागरण किसी गुरु के सानिध्य मे करना चाहिए!